मौसम में बदलाव के साथ ही माइट या पिस्सू के काटने से फैलने वाले स्क्रब टाइफस का मामला सामने आया है। जो साल का पहला मामला है। जिसके साथ ही चिकित्सा विभाग में हड़कंप मच गया है। चिकित्सा विभाग के अधिकारियों की ओर से मौसमी बीमारियों के नियंत्रण के दावे पूरी तरह फेल साबित हो रहे है।
विभाग ने उदयपुर समेत सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को सतर्क कर दिया है। पिछले साल स्क्रब टाइफस के 2 हजार 900 में से 10 की मौत हो चुकी है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल भी स्वाइन फ्लू पॉजिटिव में राजस्थान देश में पहले नंबर पर है। चिकित्सा विभाग के निदेशक (जन स्वास्थ्य) डॉ.के.के.शर्मा का कहना है कि स्क्रब टाइफस के केसेज पाए जाने पर पशुओं व उनके बाड़े तथा आसपास के क्षेत्र में स्प्रे की जिम्मेदारी पशुपालन विभाग की है। हमारा काम जांच में पॉजिटिव मिलने पर दवा देना है।